दिल्ली में उपलब्ध LASIK सर्जरी के विभिन्न प्रकार

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दिल्ली में LASIK सर्जरी के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं, जो विभिन्न दृष्टि समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। स्ट

LASIK (Laser-Assisted in Situ Keratomileusis) एक अत्याधुनिक तकनीक है जिसका उद्देश्य दृष्टि सुधारना है, खासकर उन लोगों के लिए जो चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा पाना चाहते हैं। इस सर्जरी में कई प्रकार की तकनीकें हैं, और इनका चयन आपकी आंखों की स्थिति, समस्या और जरूरतों के आधार पर किया जाता है। दिल्ली में LASIK सर्जरी के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं, जो विभिन्न दृष्टि समस्याओं को सुधारने के लिए अनुकूलित हैं। इस लेख में हम दिल्ली में उपलब्ध LASIK सर्जरी के प्रमुख प्रकारों के बारे में चर्चा करेंगे।

1. Traditional LASIK (Conventional LASIK)

पारंपरिक LASIK वह तरीका है जिसमें एक सामान्य लेजर का उपयोग किया जाता है ताकि कॉर्निया की ऊपरी परत (फ्लैप) को हटाकर, लेजर द्वारा उसकी संरचना को ठीक किया जा सके। इस प्रक्रिया में कॉर्निया के आकार में बदलाव किया जाता है ताकि लाइट रेटिना पर सही तरीके से फोकस हो सके। पारंपरिक LASIK सर्जरी सबसे पुरानी और विश्वसनीय तकनीक मानी जाती है, और यह उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जिनकी दृष्टि में हल्का से लेकर मध्यम प्रकार की समस्याएं हैं।

इसमें दो मुख्य चरण होते हैं:

  • कॉर्निया फ्लैप बनाना: डॉक्टर एक अत्यधिक सटीक माइक्रोकैटर्म (Microkeratome) का उपयोग करके कॉर्निया की ऊपरी परत को उठाते हैं।
  • लेजर का उपयोग: एक Excimer लेजर का उपयोग करके कॉर्निया के आकार को बदला जाता है ताकि आंखों की दृष्टि में सुधार हो सके।

यह प्रक्रिया आमतौर पर कम समय में होती है और रिकवरी भी तेज होती है।

2. Femto LASIK (All-Laser LASIK)

Femto LASIK सर्जरी पारंपरिक LASIK के मुकाबले एक और उन्नत तकनीक है। इसमें पूरी प्रक्रिया में लेजर का उपयोग किया जाता है, जिससे इसे "All-Laser LASIK" भी कहा जाता है। इस सर्जरी में माइक्रोकैटर्म के बजाय, एक Femto-second laser का उपयोग किया जाता है जो कॉर्निया फ्लैप को बनाता है। यह तकनीक पारंपरिक LASIK से अधिक सटीक और सुरक्षित मानी जाती है।

Femto LASIK का लाभ यह है कि इसमें सर्जरी के दौरान कोई मशीनी उपकरण का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे सटीकता में वृद्धि होती है और किसी प्रकार की कॉम्प्लिकेशन की संभावना कम हो जाती है। Femto LASIK में केवल लेजर का उपयोग किया जाता है, जिससे रिकवरी और सटीकता दोनों में सुधार होता है।

यह तकनीक उन मरीजों के लिए उपयुक्त है जिनकी आंखों में थोड़ी अधिक जटिलता हो सकती है या जिनकी कॉर्निया की संरचना खास प्रकार से असमान होती है।

3. Wavefront Guided LASIK

Wavefront Guided LASIK एक अत्यधिक उन्नत LASIK तकनीक है, जो न केवल सामान्य दृष्टि दोषों को सुधारने में मदद करती है, बल्कि यह आंखों की जटिल समस्याओं को भी ठीक करती है। इस सर्जरी में, एक विशेष Wavefront Technology का उपयोग किया जाता है, जो आपकी आंखों की पूरी संरचना का डिजिटल मानचित्र तैयार करता है।

इस प्रक्रिया के दौरान, Wavefront Technology आपके आंख के भीतर से डेटा इकट्ठा करती है और उसे सर्जरी के दौरान उपयोग करती है ताकि हर मरीज के लिए एक कस्टम-निर्मित दृष्टि सुधार सुनिश्चित किया जा सके। यह तकनीक विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पास ऐस्ट्रिग्मेटिज़्म, नाइट ब्लाइंडनेस या अन्य जटिल दृष्टि समस्याएं हैं।

Wavefront Guided LASIK अधिक सटीक दृष्टि परिणाम देने के लिए जानी जाती है, क्योंकि यह आपकी आंखों की विशेष जरूरतों के आधार पर व्यक्तिगत दृष्टि सुधार प्रदान करती है।

4. PRK (Photorefractive Keratectomy)

PRK एक विकल्प है जो LASIK सर्जरी के समान होता है, लेकिन इसमें कॉर्निया के फ्लैप को बनाने की प्रक्रिया नहीं होती है। इसके बजाय, डॉक्टर आंख के कॉर्निया की बाहरी परत (एपिथीलियम) को हटा देते हैं और फिर लेजर का उपयोग करके कॉर्निया के आकार को ठीक करते हैं।

PRK LASIK का एक विकल्प है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनकी कॉर्निया की मोटाई बहुत पतली होती है और जिनके लिए फ्लैप बनाना मुश्किल हो सकता है। PRK सर्जरी के बाद थोड़ा अधिक समय लगता है रिकवरी में, लेकिन यह उन मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो LASIK के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

PRK तकनीक में, यह महत्वपूर्ण है कि रिकवरी के दौरान आपको आंखों की अच्छी देखभाल करनी हो ताकि संक्रमण या अन्य समस्याओं से बचा जा सके।

5. SMILE (Small Incision Lenticule Extraction)

SMILE एक नई और अत्यधिक उन्नत LASIK तकनीक है, जिसमें केवल एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और कॉर्निया के भीतर से एक पतला लेंटिकुल (Tissue) निकाला जाता है। इसमें बड़ी सर्जरी के बजाय एक छोटा चीरा लगाया जाता है, जिससे दर्द और रिकवरी समय कम होता है।

SMILE तकनीक उन मरीजों के लिए उपयुक्त है जिनकी कॉर्निया की संरचना सही है और जिनमें हल्के से लेकर मध्यम तक की दृष्टि समस्याएं हैं। SMILE का प्रमुख लाभ यह है कि इसमें किसी प्रकार का फ्लैप बनाने की आवश्यकता नहीं होती, और इसमें रिकवरी का समय बहुत कम होता है।

यह तकनीक उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो LASIK की पारंपरिक प्रक्रियाओं से अधिक प्रभावी, सुरक्षित और न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया चाहते हैं।

6. Contoura Vision LASIK

Contoura Vision LASIK एक अत्याधुनिक तकनीक है जो Wavefront Guided LASIK का एक उन्नत रूप है। यह दृष्टि सुधारने के लिए न केवल कॉर्निया की अनियमितताओं को सुधारता है, बल्कि आंखों की जटिल संरचना का भी विश्लेषण करता है।

Contoura Vision LASIK में एक विशेष स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है जो आपकी आंख की सटीक संरचना का 3D मॉडल बनाता है। इस तकनीक से, आपको व्यक्तिगत दृष्टि सुधार प्राप्त हो

ता है, जो सामान्य LASIK सर्जरी के मुकाबले अधिक प्रभावी और सटीक होता है।

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